पेट की चर्बी निकलवाना मोटापे का इलाज नहीं है

पेट की चर्बी निकलवाना मोटापे का इलाज नहीं है

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में शहरी जीवनशैली ने इंसान को जो सबसे खराब बीमारी दी है वो है मोटापा। मोटापा यानी शरीर का वजन बढ़ जाना। मगर शरीर का वजन किस हद तक बढ़ जाए कि उसे मोटापा कहा जाता है? मोटापे को नापने का तरीका क्‍या है और इसे ठीक करने का तरीका क्‍या है?

मोटोपे का वर्गीकरण

दिल्‍ली के मैक्‍स साकेत अस्‍पताल के मिनिमल एक्‍सेस सर्जरी विभाग के प्रमुख और मिनिमल एक्‍सेस सर्जरी में विश्‍व रिकार्ड धारी डॉक्‍टर प्रदीप चौबे sehatraag.com से बातचीत में कहते हैं कि मोटापे का वर्गीकरण को समझे बिना उसका इलाज नहीं होता। मोटापे का वर्गीकरण करने की पूरी दुनिया में  प्रचलित विधि है बॉडी मास इंडेक्‍स यानी बीएमआई।

इसके तहत पहले शरीर के वजन को किलोग्राम में मापा जाता है और शरीर की लंबाई मीटर में ली जाती है। इसके बाद लंबाई का वर्ग निकाला जाता है।  शरीर के वजन को लंबाई के वर्ग से भाग देकर जो संख्‍या आती है उसे बीएमआई मान कहा जाता है। इस तरीके से सामान्‍य व्‍यक्ति भी अपना वजन निकाल सकता है।

कौन है ओवरवेट

अगर यह सूचकांक 21 से 25 के बीच हो तो वजन सामान्य माना जाता है। 25 से 30 के बीच आने वाले व्यक्ति को ओवरवेट यानी सामान्‍य से अधिक वजन की श्रेणी में रखा जाता है। बीएमआई अगर 30 से 40 के बीच हो तो उसे मोटापा कहा जाता है और इंडेक्‍स 40 के ऊपर हो तो फिर वह गंभीर मोटापा कहलाता है। मोटापे से ग्रस्‍त लोगों में 2 फीसदी इस स्थिति का शिकार होते हैं।

बॉडी मास इंडेक्‍स अगर अगर 30 से अधिक हो तो इंसान में हृदय रोग का खतरा सामान्‍य से दो गुना हो जाता है। जाहिर है कि इसे ट्रीट करना जरूरी हो जाता है। मगर चिकित्‍सक इसके लिए सर्जरी करवाने की सलाह नहीं देते। इस स्थिति तक मरीज को अपना खान-पान सुधारने, नियमित व्‍यायाम करने, जीवनशैली बदलने जैसे तरीकों से वजन कम करने की सलाह दी जाती है।

कब की जाती है सर्जरी

मगर गंभीर मोटापे को कम करने के लिए सर्जरी के अलावा कोई चारा नहीं होता क्‍योंकि इस श्रेणी के लोगों का वनज 200 किलोग्राम और उससे ऊपर भी हो सकता है। इस स्थिति में व्‍यायाम से वो फायदा नहीं होता कि मोटापा सामान्‍य स्‍तर तक पहुंच सके। इसलिए डॉक्‍टर चौबे इस कंडीशन में मिनिमल एक्‍सेस सर्जरी की सलाह देते हैं।

इस सर्जरी के जरिये मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के पेट में सिलिकन बैंड डाला जाता है। इससे पेट में जगह कम हो जाती है और बहुत कम खाने से ही पेट भरने का अहसास होता है। इस सर्जरी के 2 साल बाद वजन सामान्य होने लगता है। वर्तमान राजनेताओं में नितिन गडकरी और अरुण जेटली इस सर्जरी को करवाने के बाद अपना वजन कम करने में कामयाब हुए हैं और अरुण जेटली तो वजन कम करने के कारण और भी कई गंभीर बीमारियों को नियंत्रित करने में कामयाब हुए हैं।

डॉक्‍टर चौबे कहते हैं कि चर्बी दूर करने की तकनीक लाइपोसक्शन मोटापे का इलाज नहीं है। यह महज एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है जिससे शरीर के किसी खास जगह से चर्बी हटाई जा सकती है। इस तकनीक के कई दुष्परिणाम दिखने को मिल रहे हैं। इस तकनीक के अलावा मोटापा कम करने की दवाइयां शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती हैं।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।